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29 Nov 2018 · 1 min read

631 हां मैं बदल रही हूं

हां मैं बदल रही हूं।

वक्त के साथ संभल रही हूं।

अब मुझे दूसरों का कुछ बोलना नहीं सताता।

क्योंकि जब वह बोल रहे हों, मेरा ध्यान ही नहीं जाता।

हां मैं बदल रही हूं।

उमर के तकाजों को समझ रही हूं।

अब मुझे दूसरों की गलतियां सुधारने की होड़ नहीं।

क्योंकि मेरा उन लोगों से ,समझ में कोई जोड़ नहीं।

हां मैं बदल रही हूं।

अब खुद से प्यार कर रही हूं।

बहुत दिया बच्चों और परिवार को प्यार मैंने।

इस बीच खुद को कर दिया दरकिनार मैंने।

हां मैं बदल रही हूं।

खुद की मर्जी से चल रही हूं।

अब मुझे दूसरों को कुछ बोलने में झिझक नहीं।

क्या अच्छा लगता है क्या बुरा उन्हें ,इसकी फिक्र नहीं।

हां मैं बदल रही हूं।

अपनी आशाओं से चल रही हूं।

अब मैं अपने अरमानों को दबाती नहीं।

बिंदास उड़ती हूं हवा में, अब मैं घबराती नहीं।

हां मैं बदल रही हूं।

खुद से प्यार के रंग में रंग रही हूं।

अब मैं रिश्तो को संभालने की कला जान गई हूं।

कैसे जीना है जिंदगी को अपने लिए भी पहचान गई हूं।

हां मैं बदल रही हूं।

वक्त के साथ संभल रही हूं।

Language: Hindi
6 Likes · 9 Comments · 532 Views
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