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16 Jan 2020 · 5 min read

हां मेरा बलात्कार हुआ है

हां मेरा बलात्कार हुआ है
(एक सच्ची घटना पर आधारित)
===============
हां मेरा बलात्कार हुआ है
जी मेरा बलात्कार हुआ है
पुरूष नहीं
नारी ने किया है ….. हां मेरा बलात्कार हुआ है………….
दर्द दुखन के बहाने लेकर
घर मुझको एक बार बुलाया
अपनी मां को दिखाके तेबर
उसको घर के बाहर बिठाया
छीना झपटी…चुमा चाटी
करते करते खूब डराया
लगाके मेरे एक तमाचा
जो जी चाहा खूब कराया
कह ना पाया किसी से बाहर
आज मेरा बलात्कार हुआ है
जी मेरा बलात्कार हुआ है….

देखो मेरा बलात्कार हुआ है
ननद के साथ भाभी भी शामिल
दोनों पककी थी ये जालिम
इनकी हरकत जान गया मैं
अपना डर पहचान गया मैं
हटना इतना आसान नहीं था
हां भगना आसान नहीं था
कुनवा अपना नहीं था भारी
याद थी पीछली मारा मारी
इज्जत ना दागी हो जाये
बीवी ना सुनकर भग जाये
सहता रहा उनकी मनमानी
बडी गज़ब मेरी है कहानी
मेरे साथ अन्याय हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है……..

दोनों पक्की आवारां थी
सोच भरी गंदी गारा थी
जब जी चाहा करी बेजती
जिस्म तरहा तरहा से बेचती
रात दिन की बढे जगराते
किसे कहानी अपनी सुनाते
हम पर यकीं ना होता भारी
वो कहतीं तो मारा मारी
चिठ्ठी लिख मरने को कहकर
घनीं रात मे घर बुलवाया
फिर लूटी जी भर के इज्जत
कुतिया जागी मुझे भगाया
वक्त था अच्छा जो बच पाया
उसका लशकर घर तक आया
सांसे हो रही लम्बी लम्बी
पसीनों से था बदन भीगोया
रात क़यामत की तो टल गई
दहशत दिल के घर में बढ गई
मैंने पीछे हटना चाहा
ननद भाभज ने खूब डराया
अबकी बार भाभी ने भी
डराके मुझको वो सब कर पाया
और बडे लम्बे सालों तक
जो जी चाहा सब करवाया
ऐसा बारम्बार हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है……

उसको शादी की जल्दी थी
दिख रही उसको हल्दी थी
रोज लड़ाई होती थी घर में
बंटवारे की तनी थी घर में
रोज लड़ाई रोज तमाशा
उम्र का उसकी बना बताशा
बेटे पहले हिस्सा मांगें
बाप शादी का हिस्सा मांगें
एक दिन इसकी तना तनी मैं
तार बिजली का उसने पकड़ा
मै घर आने ही वाला था
वक्त ने फिर मुझको जकड़ा था
पीछे से आवाजें आयीं
जल्दी आ भगकर के भाई
मैने जाकर नब्ज टटोली
इंजेक्शन दे छोडी खोली
सरकारी अस्पताल ले गये
रेफर मेरठ मुझें भी ले गये
उन्होंने उसको दिल्ली भेजा
मुझको भी था साथ में भेजा
डर डर के मेरा बुरा हाल था
मेरे नाम का कटा बबाल था
देर रात घर अपने लौटा
बीवी ने बांहों में समेटा
बोली गांव मे बडा है हल्ला
पेट में मेरे तेरा है लल्ला
हुआ तुम्हें कुछ कहां जाऊंगी
सच कहती ना जी पाऊंगी
मैंने कहा वो अभी है जिन्दा
सच जीतेगा मेरी चंदा
नहीं हूं शामिल इस घटना में
उसके साथ घटी दुर्घटना में
बीच-बीच में भी गया मै दिल्ली
उसकी भाभी उडाती खिल्ली
वहां भी डर था उसने दिखाया
भैया पूछे उसने बताया
किसके कारण बिजली पकड़ी
तू जो जल गई इतना पगली
मेरे साथ अन्याय हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है…….

दिल्ली से जब घर को लौटी
भाभी ने खुलवाई धोती
बोली जो कहतीं हूं कर दो
मांग मे मेरे सिंदूर ये भर दो
वर्ना मै कह दूंगी सबसे
इसका चक्कर था उससे
इसी के कारण बिजली पकड़ी
इसने ही उसको था जकड़ी
अब भाभी की बढी वासना
उनकी ड्यूटी मुझे ताशना
एक दिन उसकी हो गई शादी
हमनें सोचा मिली आजादी
पर ये सच गलत थी भारी
उसकी हम पर चल गई आरी
ससुराल थोड़े दिन रहकर
लौटी घर पति को लेकर
फिर उसने दोहराया वो पल
जिसमें उसने किया बडा छल
पति के पीछे मुझे बुलाती
जो जी आता सब करबाती
कभी जो मुंह से मेरे ना निकली
गालियां देती और डराती
मैंने जगह छोड दी थी पहली
डर मै जहां जिंदगी थी झेली
फिर खुशियों पर बादल छाए
लौट के जब वो शहर में आये
मेरे साथ अन्याय हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है…….

गांव में मेरा हो गया झगड़ा
थोडा सा डर बाहर निकला
कूद पड़ा मैं राजनीति में
ये बाज़ी तो जीत गया मैं
मैंने उसकी भाभी को पीटा
एक दिन उसको खूब घसीटा
बच्चों की कसमें खाती थी
पति को जानें क्या क्या कहती थी
गांव में आ गई बहुत सी नारी
शिव पूजा की लेकर थाली
अब जाकर आराम मिला था
मेरे मन का फूल खिला था
उसने मुझसे मिलना चाहा
गुस्सा उसे खूब दिलवाया
सारी बातें भरी फोन मैं
उसका डर उसको था दिखाया
मैंने सारे बंधन तोड़े
खत्म हुए कुछ बदन के फोड़े
पर ननद पक्की चालू थी
मेरे लिए वो एक भालू थी
आना जाना उसका रहता
तानें उसके सुनते रहता
रोज सोचता कैसे बचूं मैं
आखिर और कब तक डरूं में
कुत्ता, भाडू क्या क्या कहती
उसको शर्म कभी ना आती
पैसा और जिस्म की भूखी
जब भी आती ऐसे आती
जगहा तीसरी थी मैंने बदली
पर ये डायन ही ना बदली
दीमक बन खाये जा रही थी
तानें धमकी दिये जा रही थी
उसकी एक भाभी को बताया
उसने किस्सा उसका सुनाया
मेरे भतीजे के पीछे पड गई
बहन के देवर से भी भिड गई
इसकी आग बहुत है भारी
जानें किस किस से थी यारी
सुनकर मेरी हिम्मत बढ गई
एक दिन मैंने भी ना कर दी
उसने अपनी बेटी भेजी
जिसको मैंने बापिस कर दी
वो डायन सी चलकर आयी
उसनेे पूरी फैल मचाई
मुझे सिंदारा देने जाना था
आज इस को ऐसे आना था
मानें नही मान पाती थी
गंदी गंदी गाली दे रही थी
मां ने औरों ने भी खूब समझाया
उसने खुद को उतना ही भडकाया
गोद की बच्ची को उसने
मेरे घर मैं पटक दिया था
जेल भिजवाने और बर्बादी का
उसने मुझे चैलेंज दिया था
ऐसा मेरे साथ हुआ था
हां मेरा बलात्कार हुआ था…….

मां संग मिला उसके भाई से
जलतीं थी जिसकी परछाईं से
जिसने डांटा उसे शान से
घर लौटा तो बोल रही थी
जिसको बीवी झेल रही थी
गालियों का अंबार लगाया
अपनी बेटी को मेरा बताया
पूरा हिस्सा मांग रही थी
मेरे डर को झांक रही थी
मेरे बीवी बच्चे संग थे
बहुत दिनों से इससे तंग थे
उसने अपना जाल बिछाया
पडोस में मेरी प्लाट कटाया
लोग देख मुझे गीत ये गाते…..
तेरे घर के सामने एक घर बनाऊंगा
आते जाते तानें देती
जानें वो क्या -क्या कहती रहती
अब भी नहीं तेबर उसके कम है
शर्म नहीं आंखों में नम है
उसका चरित्र है सबके आगे
बोलो और कहा तक भागे
मेरे साथ
हां मेरे साथ अन्याय हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है……….

क्या कानून सुनेगा मेरी
क्या कोई धीर धरेगा मेरी
बस लड़की की सब सच मानें
पीर ना पुरूष की कोई जानें
ऐसा कितने डर लेकर बैठे
बिना बात के जेल में बैठे
इज्जत और समाज के डर से
लेकर दिल में आग है बैठैं
पुरूष की भी इज्जत लूटती है
जो ना कभी किसी को दिखती है
नहीं कभी सोचा था मैंने
पडेगें इतने भी दुःख सहनें
सबको मैंने दिखाये रास्ते
भटके हुओं को दिये बास्ते
पर मेरा संहार हुआ है
मेरा कद बदनाम हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है
किसे बताऊं जो भी हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है
हां मेरा बलात्कार हुआ है….।।
============
16/01/2020

Language: Hindi
Tag: गीत
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