‘हाँ” मैं श्रमिक हूँ..!
“अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस ” 1st May 2024 पर विशेष..
“हाँ मै श्रमिक हूँ.” 💓🙏
पड़ रही है मार,
मँहगाई की मुझपे।
पँक्तियों मेँ हीन की,
मैं प्राथमिक हूँ।।
माँ, बहन, पत्नी है,
दो बच्चे भी घर पर।
हो गुज़ारा किस तरह से,
मैं व्यथित हूँ।।
कुछ बचा पाऊँ,
करूँ तब, हाथ पीले।
लाड़ली पर व्यँग्य भी,
सुनता क्रमिक हूँ।।
सर्दियाँ, गर्मी हो,
या बारिश झमाझम।
अपने कर्तव्यों से ना,
डिगता तनिक हूँ।।
दूर तक दिखती कहाँ है,
छाँव अब तो।
ऐसी ही इक रहगुज़र का,
मैं पथिक हूँ।।
भावनाएँ छोड़ “आशा”,
ख़ुदकुशी हैं, कर चुकीं।
स्वेद टप-टप चू रहा,
“हाँ” मैं श्रमिक हूँ..!
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