हवा हूँ मैं !
मेरे अंदाज ही कुछ अलग हैं
आज यहाँ, कल वहाँ- – –
पता नहीं
फिर कहाँ हूँ मैं!
हवा हूँ मैं!
कभी पेड़ों पर झूमती नाचतीगाती- – –
खुशियाँ बिखेरती,सबके दर्द की दवा हूँ मैं!
और रुख जो बदल गया, सुनामी हूँ
समझो कोई बात है ,खफा हूँ मैं !
मौत की या फिर उम्र की फिक्र नहीं
जब चाहूँ बच्चा—हर पल जवाँ हूँ मैं – – –
हवा हूँ मैं ।