Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2022 · 1 min read

हल्ला बोल

अवाम की नींद हराम करके
ये हाकिम कैसे सो सकते हैं?
हल्ला बोल!
गुलामी तो एक लानत ठहरी
इसे हम कब तक ढ़ो सकते हैं?
मुंह खोल!
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायरी #बहुजनशायर
#इंकलाबीशायरी #चुनावीकविता

Language: Hindi
145 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

उम्र नहीं बाधक होता।
उम्र नहीं बाधक होता।
manorath maharaj
चोट
चोट
आकांक्षा राय
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
मैं शायर भी हूँ,
मैं शायर भी हूँ,
Dr. Man Mohan Krishna
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
शेखर सिंह
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
अंसार एटवी
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
Paras Nath Jha
आम का वृक्ष
आम का वृक्ष
आशा शैली
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
Ravi Betulwala
मृगतृष्णा 2
मृगतृष्णा 2
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शून्य ही सत्य
शून्य ही सत्य
Kanchan verma
नूपुर और मिलाड
नूपुर और मिलाड
ललकार भारद्वाज
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
सब कुछ खोजने के करीब पहुंच गया इंसान बस
सब कुछ खोजने के करीब पहुंच गया इंसान बस
Ashwini sharma
अहमियत इसको
अहमियत इसको
Dr fauzia Naseem shad
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
गुजर गया कोई
गुजर गया कोई
Surinder blackpen
विषय-माँ।
विषय-माँ।
Priya princess panwar
बढ़ जाएगी
बढ़ जाएगी
Arvind trivedi
*Divine Bliss*
*Divine Bliss*
Veneeta Narula
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
Rj Anand Prajapati
राधा
राधा
Mamta Rani
आओ मिल दीप जलाएँ
आओ मिल दीप जलाएँ
Indu Nandal
सत्य स्नेह
सत्य स्नेह
Rambali Mishra
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
पूर्वार्थ
*ईर्ष्या भरम *
*ईर्ष्या भरम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" याद बनके "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...