Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2023 · 1 min read

मृगतृष्णा 2

मृगतृष्णा 2

मृगतृष्णा वश मिरगा घुमय
बन बन ढुढै घास
निज पत्नी को छोड़ पुरूष
जो चले पराये पास

मन लोभी हैं, लालच पड़े
मक्खी पराये जान
रोग अनेक हैं,उपज पड़ेगा
निज को रोगी जान

नही रहेगा खैर कहीं
निज पत्नी को छोड़
आदिशक्ति है निज पत्नी
बंचक नार संग छोड़

न हुई कभी निज पति का
कैसे होगी तेरा यार
मृगतृष्णा में भटकत फिरै
झुठा है इनका प्यार

काल स्वरूपा हैं कालिका
न रहे इसे कुछ ज्ञान
मान मर्यादा सम्मान बेचकर
निर्लज्ज नार पहचान

वक्त पड़े पर निकल पड़ेगी
बनकर तेरा काल
नही रहेगी फिर प्रेमिका
निकाल लेगी खाल

सावधान रह पुरूष जनों
करत विजय प्रणाम
मृगतृष्णा है वासना
निज पत्नी ही पहचान

डां विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

Language: Hindi
1 Like · 110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! युवा !!
!! युवा !!
Akash Yadav
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ये तलाश सत्य की।
ये तलाश सत्य की।
Manisha Manjari
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
इसका क्या सबूत है, तू साथ सदा मेरा देगी
इसका क्या सबूत है, तू साथ सदा मेरा देगी
gurudeenverma198
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
गुलमोहर
गुलमोहर
डॉ.स्नेहलता
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
धमकियां शुरू हो गई
धमकियां शुरू हो गई
Basant Bhagawan Roy
कद्र जिनकी अब नहीं वो भी हीरा थे कभी
कद्र जिनकी अब नहीं वो भी हीरा थे कभी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
#आज_ऐतिहासिक_दिन
#आज_ऐतिहासिक_दिन
*प्रणय प्रभात*
पागल।। गीत
पागल।। गीत
Shiva Awasthi
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
Paras Nath Jha
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
'प्रहरी' बढ़ता  दंभ  है, जितना  बढ़ता  नोट
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
Anil Mishra Prahari
कोई मिले जो  गले लगा ले
कोई मिले जो गले लगा ले
गुमनाम 'बाबा'
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...