हर चेहरे के पीछे
हर चेहरे के पीछे
एक कहानी है ।
आंखों में आंसू की
जगह पानी है ।।
ऊंचे महलों में ,
जलती शमाओं ने ।
कुटिया के दीपक
की कद्र न जानी है ।।
ये जो चमक रहा है ,
बादल सूखा है ।
गर्जन की भी आदत ,
वही पुरानी है ।।
बूढ़ी नदी कहाँ तक ,
कल कल स्वर देगी ।
शिथिल देह में बची,
न शेष रवानी है ।।
जो परहित के लिए ,
प्राण दे देता था ।
बचा न अब जग में ,
दधीचि सा दानी है ।।
पीछे