Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2024 · 1 min read

*धन्य करें इस जीवन को हम, परहित हर क्षण जिया करें (गीत)*

धन्य करें इस जीवन को हम, परहित हर क्षण जिया करें (गीत)
___________________________
धन्य करें इस जीवन को हम, परहित हर क्षण जिया करें

सीखें सूरज से जो अपनी, ऊर्जा हमें लुटाता
सीखें बादल से जो अपना, जल सब पर बरसाता
दानवीर यह शिक्षा इनसे, हम आजीवन लिया करें

जानें भागीरथ जो गंगा, देवलोक से लाए
जानें शंकर जी जो जनहित, गरल-पान कर पाए
मधुर-मनोहर हो धरती यह, चिंतन निशि-दिन किया करें

जानें हम संपत्ति समूची, ईश्वर की माया है
सदा नहीं रहती क्षणभंगुर, मानव की काया है
रोज कमाते धन जो उसका, प्रतिशत जग को दिया करें
धन्य करें इस जीवन को हम, परहित हर क्षण जिया करें
——————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
if you love me you will get love for sure.
if you love me you will get love for sure.
पूर्वार्थ
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
Sanjay ' शून्य'
"सपनों का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लटकते ताले
लटकते ताले
Kanchan Khanna
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
~~तीन~~
~~तीन~~
Dr. Vaishali Verma
किसी की लाचारी पर,
किसी की लाचारी पर,
Dr. Man Mohan Krishna
2668.*पूर्णिका*
2668.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कलेक्टर से भेंट
कलेक्टर से भेंट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)
काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विगुल क्रांति का फूँककर, टूटे बनकर गाज़ ।
विगुल क्रांति का फूँककर, टूटे बनकर गाज़ ।
जगदीश शर्मा सहज
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
नादानी
नादानी
Shaily
पूर्णिमा की चाँदनी.....
पूर्णिमा की चाँदनी.....
Awadhesh Kumar Singh
प्यार
प्यार
Satish Srijan
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
Paras Nath Jha
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
Writer_ermkumar
दंगा पीड़ित कविता
दंगा पीड़ित कविता
Shyam Pandey
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
Ms.Ankit Halke jha
बीता समय अतीत अब,
बीता समय अतीत अब,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
#यादों_का_झरोखा
#यादों_का_झरोखा
*Author प्रणय प्रभात*
ਦਿਲ  ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ  ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
Surinder blackpen
Loading...