हर एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
हर एक एक नागरिक को अपना, सर्वश्रेष्ठ देना होगा
सीमा और घर की चुनौतियां, मिलकर सभी मिटाना होगा
सीमाओं पर ताकत से, डटकर मुकाबला करना होगा
हर एक नागरिक को अपना,दिल से कर्तव्य निभाना होगा
प्रेम शांति और अमन का, भारत बर्ष बनाना होगा
धर्म और जातीय हिंसा को,हर हाल में हमें मिटाना होगा
हर एक भारतवासी को,माटी का कर्ज चुकाना होगा
जाति धर्म से पहले हमको, राष्ट्र का फर्ज निभाना होगा
विध्वंसक और राष्ट्र विरोधी, तत्वों को हमें भगाना होगा
राष्ट्रीय एकता और अखंडता,अभेद हमें बनाना होगा
जाति मजहब संप्रदायों से ऊपर,देश हमें रखना होगा
विघटन कारी मंसूबों को, ध्वस्त हमें करना होगा
नहीं देश कोई भारत जैसा, सभी को मिलकर कहना होगा
देश के ऊपर मर मिटने को, तैयार सभी को रहना होगा
अखंड रहे मेरा भारत,गर्व से सबको कहना होगा
न हिन्दू न मुसलमान, भारतीय सभी को कहना होगा
धर्म और जातीय द्वेष से,दूर सभी को रहना होगा
अमृत काल बर्ष विदाई में, अमृत प्रण लेना होगा
अमर रहे तिरंगा प्यारा, सतर्क सचेत रहना होगा
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
जय हिन्द
सुरेश कुमार चतुर्वेदी