हरियाणा ,पंजाब दिवस पर
लख्मी चँद की रागनी, हरियाणे का जाट!
शब्दों को इनके कभी,सका न कोई काट!!
क्या मक्के की रोटियाँ,क्या सरसों का साग!
हरा भरा पंजाब का,……..रहे सदा भूभाग! !
रमेश शर्मा
लख्मी चँद की रागनी, हरियाणे का जाट!
शब्दों को इनके कभी,सका न कोई काट!!
क्या मक्के की रोटियाँ,क्या सरसों का साग!
हरा भरा पंजाब का,……..रहे सदा भूभाग! !
रमेश शर्मा