Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2022 · 1 min read

हम सच बोलकर भी अब झूठे हो गए

हम सच बोलकर भी अब झूठे हो गए,
वे झूठ बोलकर भी अब सच्चे हो गए।

गलती इतनी ,सच को सच कह दिया,
इसी बात पर वे मुझसे नाराज़ हो गए।

हम वफ़ा करके भी,वे बेवफा हो गए,
वे बेवफा होकर भी,वफादार हो गए।

ढाए उन्होंने कितने जुल्म सितम मुझ पर,
सहते रहे ये सोचकर ये जुल्म पूरे हो गए।

पाले थे बहुत अरमान,कोई पूरा न हुआ,
दिल में बचे अरमान,सब खाक हो गए।

जिंदगी में अब क्या बचा,जो उसे गुनगुनाए,
जब वे तलाक लेकर मुझसे अलग हो गए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

1 Like · 1 Comment · 523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
"सबसे पहले"
Dr. Kishan tandon kranti
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
VINOD CHAUHAN
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
मेरी खुदाई
मेरी खुदाई
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
💐प्रेम कौतुक-562💐
💐प्रेम कौतुक-562💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
Chaahat
3183.*पूर्णिका*
3183.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
कवि रमेशराज
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
अर्चना मुकेश मेहता
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुरीतियों पर प्रहार!
कुरीतियों पर प्रहार!
Harminder Kaur
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
कल्पित
कल्पित
Mamta Rani
मैं
मैं
Ajay Mishra
मुकद्दर से ज्यादा
मुकद्दर से ज्यादा
rajesh Purohit
अपराजिता
अपराजिता
Shashi Mahajan
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
Rj Anand Prajapati
बार -बार दिल हुस्न की ,
बार -बार दिल हुस्न की ,
sushil sarna
Loading...