हम मौत को बड़ा करीब से आते हुए देख रहे है।
हम मौत को बड़ा करीब से आते हुए देख रहे है।
इस तरह हम ज़िन्दगी में जरा-जरा सा मर रहे है।।1।।
मज़बूर हैं हम मयखानें में यूँ पीने को ऐसे शराब।
कल वह थे बरबाद औरआज देखो हम हो रहे है।।2।।
हम मोहब्बत करके उन्हें बड़ा बदनाम हो गए है।
खो गया है दिलें सुकूँ और चैन से वह सो रहे हैं।।3।।
अब मौत भी मिलती है दुकानों में चाहे तो लेलो।
जा करके देखो बाज़ारों में लोग खुला बेच रहे है।।4।।
दो दिन की बची है जीनी अब मुझको ज़िन्दगी।
सरकशी देखो ज़ालिम की हमे परेशां कर रहे है।।5।।
उनको लगता है मरने से हमारे उनकी ज़िंदगी है।
तो कह दो उनसे जी ले ज़िन्दगी हमतो मर रहे है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ