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4 Jul 2022 · 1 min read

हम भूल तो नहीं सकते

हम भूल तो नहीं सकते हैं
तुम्हारी दी गई पीड़ा को
अपनी गरीबी के अपमान को
जीवन के इस संधर्ष को
मार्ग में मिली बाधाओं को
झुलसाती धूप के थपेडों को
जलती हुई देह की जलन को
पाँव में पड़े उन छालों को
उसके दर्द उसकी जलन को
उस वेदना की प्यास को
भूख की असहनीयता को
आपकी असंवेदनशीलता को
अपनी आत्मा की पीड़ा को
हम भूल तो नहीं सकते हैं!

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
13 Likes · 1 Comment · 683 Views
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