Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2016 · 1 min read

हम कौन है ? //कविता

सवाल तो आज
खुद से करना है
हम कौन है ?
क्या है ?
और यहाँ किसलिए है !
शायद जवाब ढूँढने में
कितना वक्त लगेगा
खुद अनभिज्ञ है !
आखिर कब तक
जीवन की डगर
सरल है या कठीन
ये हमारी ही दिमाग
कि उपज है
हम जानते है जीवन
अनमोल है
फिर क्यों हम
इस जीवन में हर रोज
क्रोध, नफ़रत, मोह
जाने कितने जहर
घोल रहे है ?
स्वर्ग जमी थी
फूलो की खुश्बू थी
प्यार ही प्यार था
बसंती हवा थी
चाँदनी निशा थी
पर आज हम
भौतिक जीवन की राह
में जीवन सफ़र है
भौतिक भोग विलास
के आदी है
हम इतने क्यों
आशावादी है ?
हम कर्मवादी क्यों नहीं ?
नरक की ओर अग्रसर है
ये कदम हम नहीं तो
कौन रोकेगा ?
हम परम भोगी है
अपने लिए स्वयं
कफन बुन रहें हैं
शायद हमे अपने ही
अंदर की स्पार्क
एक दिन जला ना दे
हमें जीवन की प्रकृति
अब तो समझने होंगे !!!

दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”

Language: Hindi
512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
2995.*पूर्णिका*
2995.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
shambhavi Mishra
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा-
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा- "जानते हो, मेरा बैंक कौन है...?"
*Author प्रणय प्रभात*
"वायदे"
Dr. Kishan tandon kranti
हम सनातन वाले हैं
हम सनातन वाले हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
छीज रही है धीरे-धीरे मेरी साँसों की डोर।
छीज रही है धीरे-धीरे मेरी साँसों की डोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
विश्व हुआ है  राममय,  गूँज  सुनो  चहुँ ओर
विश्व हुआ है राममय, गूँज सुनो चहुँ ओर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
Harminder Kaur
ईश्वर का रुप मां
ईश्वर का रुप मां
Keshi Gupta
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
Sarfaraz Ahmed Aasee
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
पूर्वार्थ
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
gurudeenverma198
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
Vishal babu (vishu)
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
भुला देना.....
भुला देना.....
A🇨🇭maanush
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" तुम से नज़र मिलीं "
Aarti sirsat
पास आएगा कभी
पास आएगा कभी
surenderpal vaidya
Loading...