हम कौन है ? //कविता
सवाल तो आज
खुद से करना है
हम कौन है ?
क्या है ?
और यहाँ किसलिए है !
शायद जवाब ढूँढने में
कितना वक्त लगेगा
खुद अनभिज्ञ है !
आखिर कब तक
जीवन की डगर
सरल है या कठीन
ये हमारी ही दिमाग
कि उपज है
हम जानते है जीवन
अनमोल है
फिर क्यों हम
इस जीवन में हर रोज
क्रोध, नफ़रत, मोह
जाने कितने जहर
घोल रहे है ?
स्वर्ग जमी थी
फूलो की खुश्बू थी
प्यार ही प्यार था
बसंती हवा थी
चाँदनी निशा थी
पर आज हम
भौतिक जीवन की राह
में जीवन सफ़र है
भौतिक भोग विलास
के आदी है
हम इतने क्यों
आशावादी है ?
हम कर्मवादी क्यों नहीं ?
नरक की ओर अग्रसर है
ये कदम हम नहीं तो
कौन रोकेगा ?
हम परम भोगी है
अपने लिए स्वयं
कफन बुन रहें हैं
शायद हमे अपने ही
अंदर की स्पार्क
एक दिन जला ना दे
हमें जीवन की प्रकृति
अब तो समझने होंगे !!!
दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”