हम और तुम
आँखो में बसा कर तुम्हे,
जीवन नैया पार करने की तमन्ना है मेरी,
दिल के धड़कन में बाँध कर,
साथ-साथ जीने की आरजू हैं मेरी,
इसिलिए आओ प्रिये !
वर्तमान जो अतीत में खो रहे हैं,
उसे सार्थक रूप देने की कोशिशे करें,
यह जिन्दगी की गाडी,
एक नही दो से चलेगी,
इसिलिए हम दो जिस्म एक जान बने,
जहाँ हमारी चाहत और तमन्नाओं का,
स्वप्निल संसार में,
अविस्मरणीय लमहे सौगात हो,
आओ, हम और तुम,
जीवन रूपी मधुवन में,
असीम खुशबू का ढेर लगायें,
जहाँ हम और तुम,
भँवरो की तरह स्वच्छ विचरण करें,
आओ, एक दूसरे के आँखो में बस कर,
प्यार और, स्नेह का खेल खेलें ।
#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)