” हम आहाँक संग रहब “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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प्रतीक्षा मे ओनायल छलहुँ,
कखनो एहि देहरी सँ ओहि
देहरी चलि जाइत छलहुँ !!
खेनाइ नीक नहि लगैत छल,
कजो मे मन नहि लगैत छल !!
टेम्पो क आवाज सुनि ,
हम चमकि जाइत छलहुँ !
फोनक घंटी सुनि ,
क्षण मे उठाइत छलहुँ !!
सांझ पड़ैत अन्हार घरक ,
वर्णन हम की करब !
आब नहि जाय देब,
हम आहाँक संग रहब !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड