#ग़ज़ल-21
फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
वज़्न-122-122-122-122
खिला आज तो चेहरा यार का है
लगे ये नशा तो हमें प्यार का है/1
चमन-फूल हँसते हुए आज देखो
असर ये बहारे-समाचार का है/2
क़दम पंख-से हो गए हैं तुम्हारे
यहाँ मामला तो नयन-पार का है/3
हमारी तुम्हारी निभेगी यहाँ भी
सुना है मिलन नाव-पतवार का है/4
अकेले-अकेले रहें तो मज़ा क्या
मज़ा तो यहाँ साथ एतबार का है/5
-आर.एस.’प्रीतम’
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