हमारा प्यार
मोहब्बत के समंदर में
चलो डुबकी लगाते हैं
वो हमको आजमाते हैं
हम उनको आजमाते हैं
कोई कश्ती नहीं होगी
कोई मांझी नहीं होगा
चलो डूबोगे तुम पहले
या हम फिर डूब जाते हैं
भले पहरे हुए लाखो
बंधे पैरों में जंजीरे
मोहब्बत ने ली जो अंगडायी
तो आशिक जीत जाते हैं
ना जाने कितने किस्से है
ज़मीन – ए -हिंद में अपने
जिसे सुनकर के आशिक
आज भी आंसू बहाते हैं