Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2017 · 1 min read

हमारा गम नही है ये,हजारो लोग रोते है…..

हमारा गम नही है ये,हजारो लोग रोते है
ओ अकेले चैन से सोते है, यहाँ कई लोग रोते है
मुबारक हो शादी बोल देते है सभी लेकिन,
जुदाई के गम में अकेले हो के कई लोग रोते है।
(अवनीश कुमार)

Language: Hindi
185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मर्द रहा
मर्द रहा
Kunal Kanth
"वसन्त"
Dr. Kishan tandon kranti
औरों की खुशी के लिए ।
औरों की खुशी के लिए ।
Buddha Prakash
जीवन का हर एक खट्टा मीठा अनुभव एक नई उपयोगी सीख देता है।इसील
जीवन का हर एक खट्टा मीठा अनुभव एक नई उपयोगी सीख देता है।इसील
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
"तेरे लिए.." ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
श्री राम राज्याभिषेक
श्री राम राज्याभिषेक
नवीन जोशी 'नवल'
Suni padi thi , dil ki galiya
Suni padi thi , dil ki galiya
Sakshi Tripathi
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
ऋचा पाठक पंत
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
Jyoti Khari
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
Dr Archana Gupta
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
2674.*पूर्णिका*
2674.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं और मेरा
मैं और मेरा
Pooja Singh
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
जीवन में दिन चार मिलें है,
जीवन में दिन चार मिलें है,
Satish Srijan
नमस्ते! रीति भारत की,
नमस्ते! रीति भारत की,
Neelam Sharma
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
वतन की राह में, मिटने की हसरत पाले बैठा हूँ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-498💐
💐प्रेम कौतुक-498💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
हमने सबको अपनाया
हमने सबको अपनाया
Vandna thakur
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...