* हमसे अच्छा हमारा कोई दोस्त नहीं*
” हमसे बेहतर हमारा कोई साथी नही
खोज लो हर एक कोना
खुद से बढ़कर कोई हमराज नहीं
डूब जाती है अक्सर बीच मझधार में
उनकी कश्ती जो किसी और पर यकीन करते हैं
मगर खुद से बढ़कर कोई किनारा नहीं
बेशक दोस्तों की भीड़ रखो
हर एक को तवज्जो भी दो
लेकिन सही मायनो में
खुद से अच्छा हमारा कोई दोस्त नहीं
इतना कुछ है खुद के भीतर
मगर हम तलाश नहीं करते
औरों की उधेड़बुन में हम लगे रहते हैं
मगर खुद से बढ़कर
यकीनन कोई खजाना नहीं
लगता है हमें
कि दूसरों से कहकर तसल्ली होगी दिल को
मगर हमारा खुद से बढ़कर कोई सांझी नहीं
खुद से ज्यादा हमारा कोई नहीं
खुद से बढ़कर साथी,हमराज और किनारा नहीं”