हमने मन में क्यों ये पाला
हमने मन में क्यों ये पाला
हमने मन में क्यों ये पाला
धरती पर केवल अंधियारा
अन्धियारा मन में बसता है
अंधविश्वास से ये कसता है
मन का ये अंधियारा क्या है
उजियारे का ये दुश्मन क्यों है
आगे बढ़ने से हमको रोके
श्रेष्ठ आचरण को ये टोके
जीवन की ये बात करे न
मृत्यु से ये नाता रखे
सही विचार मन में न आने दे
कुविचार ,पथ प्रेरक ये
इस विचार से ,मुक्ति पाना है
हमको सत्य मार्ग ,पर जाना है
कुछ ऐसा हम , मन में डालें
आओ हम मन में , ज्योत जलायें
अन्धियारे से , लड़ना सीखें
कर्म धरा पर , हम भागें
सोचें केवल , हम सत्य को
सत्य को ही , आदर्श बना लें
मन को मार , त्याग अपनायें
जीवन को , हम सार्थक पायें
हम ये मानें , हम ये जानें
मन के हारे हार है , मन के जीते जीत