Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

हमको तुमसे प्यार हुआ है !

हमको तुमसे प्यार हुआ है !

ऐसा पहली बार हुआ है !!

देख मधुभरी आँखों को !

दिल का दिल से वार हुआ है !!

फूलों जैसी हँसती खिलती !

ये दिल भी गुलजार हुआ है !!

प्यार में धोखा सब पाते है !

फिर भी दिल तैयार हुआ है !!

देख तेरे भोलेपान को !

दिल वसंत बहार हुआ है !!

जबसे तुमसे प्यार हुआ है !

जीना भी दुस्वार हुआ है !!

1 Comment · 496 Views

You may also like these posts

आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
Ravi Betulwala
स्पर्श
स्पर्श
sheema anmol
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
Ranjeet kumar patre
न अच्छे बनो न बुरे बनो
न अच्छे बनो न बुरे बनो
Sonam Puneet Dubey
जी करता है
जी करता है
हिमांशु Kulshrestha
तुमसे इश्क करके हमने
तुमसे इश्क करके हमने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
नकाब खुशी का
नकाब खुशी का
Namita Gupta
सपना
सपना
Lalni Bhardwaj
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
shabina. Naaz
साहस है तो !
साहस है तो !
Ramswaroop Dinkar
*अंगूर (बाल कविता)*
*अंगूर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
" पिंजरा "
Dr. Kishan tandon kranti
उसका दुःख
उसका दुःख
Dr MusafiR BaithA
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
अरशद रसूल बदायूंनी
..
..
*प्रणय*
शायर
शायर
श्याम सिंह बिष्ट
चन्द्रयान मिशन
चन्द्रयान मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
Abhishek Soni
सबका साथ
सबका साथ
Bodhisatva kastooriya
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
Sanjay ' शून्य'
कई बार मेरी भूल भी बड़ा सा ईनाम दे जाती है,
कई बार मेरी भूल भी बड़ा सा ईनाम दे जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
Change
Change
पूर्वार्थ
Loading...