Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

बेटियों का जीवन_एक समर– गीत

है समर एक जीवन सभी के लिए,
लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं।
एक समर में खड़ी बेटियां भी रहीं,
हर समय जूझतीं जो समय से रहीं।
थीं जो अद्भुत निशानी खुशी की कभी,
वक्त के साथ देखो बड़ी हो गयी।

है समर एक जीवन सभी के लिए।
लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं।।

घर की नन्ही सी प्यारी परी जो कभी,
घर में रौनक लुटाती बड़ी हो गई।
वो जो आंसू खुशी के थे गम में बहे,
बचपना लेके अब तो समय चल दिया।
छोटी सी चोट पर भी जो रोती कभी,
घाव शीने में लेकर वो अब हंस रही।

है समर एक जीवन सभी के लिए।
लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं।।

सोचकर के की अपनों से हारी हूं मैं,
वो समर हर घड़ी यूं ही लड़ती रही।
फिर भी अपनों ने अपना ही समझा नहीं,
हर पराए को अपना ही करती रही।
दो–दो घर को बसा के भी रोती रही,
बेटी सब कुछ लुटाकर भी खुश ना रही।

है समर एक जीवन सभी के लिए,
लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं।
एक समर में खड़ी बेटियां भी रहीं,
हर समय जूझतीं जो समय से रहीं।।

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी “अभिमुख”
(ललितपर, उत्तर–प्रदेश)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
*सुनिए बारिश का मधुर, बिखर रहा संगीत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माँ
माँ
लक्ष्मी सिंह
Dad's Tales of Yore
Dad's Tales of Yore
Natasha Stephen
जीवन का आत्मबोध
जीवन का आत्मबोध
ओंकार मिश्र
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
umesh mehra
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमारा साथ और यह प्यार
हमारा साथ और यह प्यार
gurudeenverma198
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Sakshi Tripathi
कितना प्यार
कितना प्यार
Swami Ganganiya
■ इधर कुआं, उधर खाई।।
■ इधर कुआं, उधर खाई।।
*Author प्रणय प्रभात*
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आज का महाभारत 1
आज का महाभारत 1
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
Manisha Wandhare
किसी रोज मिलना बेमतलब
किसी रोज मिलना बेमतलब
Amit Pathak
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
2273.
2273.
Dr.Khedu Bharti
संज्ञा
संज्ञा
पंकज कुमार कर्ण
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
दुनिया
दुनिया
Jagannath Prajapati
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
"सम्बन्धों की ज्यामिति"
Dr. Kishan tandon kranti
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
Paras Nath Jha
-- आगे बढ़ना है न ?--
-- आगे बढ़ना है न ?--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
फेसबुक ग्रूपों से कुछ मन उचट गया है परिमल
फेसबुक ग्रूपों से कुछ मन उचट गया है परिमल
DrLakshman Jha Parimal
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
Loading...