हबीब जालिब के शागिर्द
ना इधर की बात करते हैं
ना उधर की बात करते हैं
हम साफ़ और खुली हुई
एक नज़र की बात करते हैं…
(१)
जुल्मतों के इस दौर में जब
हर फनकार डरा-सहमा है
हम ही पूरी बेबाकी से
एक ज़िगर की बात करते हैं…
(२)
सारे अवतार और पैगम्बर
आप लोगों को ही मुबारक
इंसान होने के नाते
हम बशर की बात करते हैं….
(३)
उन्हें हुक़ूमत की तरफ़ से
सूली ही मिलेगी बेशक
आस्तीनों में छिपे हुए
जो खंजर की बात करते हैं…
(४)
मज़हब और सियासत ने
जिसे घोला है हवाओं में
हबीब जालिब की तरह
उस ज़हर की बात करते हैं…
(५)
घने जंगल की आग में जो
जल-जलकर राख हो गए
साजिशतन, हर उस हरे-भरे
शजर की बात करते हैं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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