हफ्ता गीत
एक हफ्ते में होते हैं सात दिन,
शनि और रवि बीत जाते हैं जल्दी।
सोम मंगल बुध गुरु और शुक्र,
बीतते हैं बस घड़ियाँ गिन गिन।
सोमवार से शुरू होती हैं लीला,
तभी तो कहते हैं इसे सोम नीला।
मंगल को जो काम थोड़ा निपटाया,
तो बुध को कुछ और काम आया।
गुरुवार से याद आने लगता हैं इतवार,
एक एक पल बस करने लगता हैं वार।
शुक्र को आती हैं थोड़ी राहत की साँस,
मिलेगा अब आराम ये रहती हैं आस।
शुक्र शाम को लगता हैं मजे करेंगे पूरे,
निपटाएंगे वो काम जो रह गए थे अधूरे।
देर से सोकर उठे शनि को, तो निकल गया आधा दिन,
पर तसल्ली रहती हैं की, रविवार अभी बाकी लेकिन।
कुछ राहत मिली नहीं की आ जाता हैं रविवार,
रविवार की शाम से फिर आने लगता हैं बुखार।