हनुमान अष्टक
हनुमानाष्टक
राम भक्त हनुमान समाना।
संकट मोचक को बलवाना।।
तुलसी दास लिखी बहु महिमा।
हनुमान अष्टक की गरिमा ।।
आठ पद्य तुलसी जी गाये।
अष्टक नाम पद्य कहलाये ।।
बाल रूप मुख सूरज राखा।
राम मित्र सुग्रीवहि भाखा।।
लांघ गए शत योजन सागर।
रखी मुद्रिका सीता आगर ।।
लंका दहन किया हनुमाना।
लक्ष्मण मूर्छित कथा बखाना।।
नागपाश बांधे रघुराई ।
गरुड़ लाय प्रभु लिए छुडाई।।
संकट बडा कौन प्रभु जाना।
शीघ्र हरो संकट हनुमाना।।
राजेश कौरव सुमित्र