हक हम पर जताया कर
*** हक हम पर जताया कर ****
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कोई बात हो तो बताया कर,
दिल के जज़्बात यूं ना छुपाया कर।
मुश्किल से तनिक नींद आती है,
चुपके से हमें ना जगाया कर।
मत कर तू हया यूं हमनशीं हम से,
हक हम पर सदा तू जताया कर।
होता ही नहीं है सहन पल भर,
गैरों को कभी ना बुलाया कर।
ढूंढों खुशनुमा प्यार मनसीरत,
लम्हा जो बुरा है भुलाया कर।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)