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29 Sep 2023 · 1 min read

हंसगति

हंसगति

धेनु चराएँ श्याम, बजाएँ वंशी।
बस गोकुल के ग्राम, हो चंद्र-अंशी।
देते जग – संदेश, करो गौ सेवा।
सभी मिटेंगे क्लेश, मिलेगी मेवा।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

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