स्वामी ब्रह्मानंद (स्वतंत्र भारत के पहले संत सांसद)
जन्म लिया परतंत्र राष्ट्र में, धरती हमीरपुर पावन धाम ।
शिवदयाल हां नाम पडा था, गौरक्षक दानी पुत्र महान ।।
लड़ी लड़ाई आजादी की, भारत मां के सुत बलवान ।
नेहरू पंत गांधी से मिल, दीन्हा देश आजाद कराये ।।
जाती समाज राष्ट्र में फैली, आशिक्षा अंधविश्वास ।
काज करन कै साधू बन गए, स्वामी ब्रह्मानंद कहाय ।।
चौबीस साल में साधू बन गये, देश की चिंता रही सताय।
हाल बुरा हैं मात पिता का, का करिहे मेरे करतार ।।
त्याग किया था अपने घर का,पत्नी बच्चे और परिवार।
देश के पहले संत सांसद, गौरक्षक हितकारी कार्य ।।
शिक्षा के खातिर स्वामी ने, कई विद्यालय दिए खुलवाय ।
बिना छुए धन को स्वामी ने, जीवन-भर फिर कीन्हे काज।।
धन्य धन्य वो मात पिता, जिन जियाये स्वामी जी महाराज।
जब तक सूरज चांद रहेंगे, तबतक होगी जय-जयकार।।
लिख रही कलम “तेजपुरिया” की, स्वामी जी का जीवन गान।
संतों में हैं संत शिरोमणि, स्वामी जी मेरे अभिमान। ।
कवि
श्याम सिंह लोधी राजपूत “तेजपुरिया”