– स्वाभिमान –
– स्वाभिमान –
चाहे न हो धन मेरे पास,
चाहे न हो कोई आधार,
चाहे न हो इस धरती पर मेरा,
चाहे छोड़ दे मेरे सारे अपने मेरा साथ,
चाहे धन से हो जाऊ भले निर्धन,
चाहे न हो कोई मेरे पास,
चाहे सब हो जाए खिलाफ,
स्वाभिमान से जिया हु,
स्वाभिमान से ही जिऊंगा,
स्वाभिमान मेरे लिए सब कुछ है इस धरा पर,
स्वाभिमान को न डिगने दूंगा,
स्वाभिमान को नही झुकने दूंगा,
स्वाभिमान सदा अमर रहेगा ,
स्वाभिमान को न मरने दूंगा,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान