“स्वस्फूर्त होकर”
“स्वस्फूर्त होकर”
ये मत सोचिए कि लोग आपकी उपलब्धियों पर ताली बजाएंगे। फेसबुक, वाट्सएप के इस दौर में संवेदनशीलता मर रही है। मंजिल का रास्ता स्वस्फूर्त होकर आपको तय करने पड़ेंगे।
“स्वस्फूर्त होकर”
ये मत सोचिए कि लोग आपकी उपलब्धियों पर ताली बजाएंगे। फेसबुक, वाट्सएप के इस दौर में संवेदनशीलता मर रही है। मंजिल का रास्ता स्वस्फूर्त होकर आपको तय करने पड़ेंगे।