स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
हर वर्ष
बुलेट-प्रूफ
शीशों में से
दिया जाता है भाषण
कि आज हम
मना रहे हैं
स्वतन्त्रता की
सत्तरवीं या इकहत्तरवी
या कोई और
वर्षगांठ
इसके बाद नेता जी
फिर से
हो जातें हैं विलीन
सुरक्षाकर्मियों की
भीड़ में
स्वतंत्रता भी
खो जाती है फिर से
एक वर्ष के लिए
-विनोद सिल्ला©