“स्मृति”
“स्मृति”
स्मृतियाँ मरती नहीं, वह हृदय में वास करती हैं। स्मृतियाँ किसी भी रूप में हो सकती हैं- शब्द के रूप में, चित्र के रूप में, घटना के रूप में अथवा गन्ध के रूप में। स्मृतियाँ कभी-कभी मरते हुए इंसान को जिन्दा कर देती हैं, क्योंकि यह हमारे अन्दर गर्माहट पैदा करती हैं और टूटी हुई कड़ियों को जोड़ती हैं।