स्थाई- कहो सुनो और गुनों
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
ओ यारों आई अंधेरी रात है।
जो जन बुरा करत हैं यारों,
बुद्धि उसकी बोरात है।।
(१)
करनी जो जैसी करेगा वन्धु,
वो वैसा ही पायेगा।
धरनी धीर धर्म धारण धरेगा वन्धु,
कोई नहीं बचके जायेगा।।
उड़ान-कर्म किये अज्ञानी बारे से,
का होत महादेव ढ़ारे से।।
कहो सुनो और गुनों ओ यारों,
आई अंधेरी रात है।।२
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
झांसी बुन्देलखण्ड