कविता: स्कूल मेरी शान है
शिक्षक दिवस पर विशेष कविता: स्कूल मेरी शान है।
****************************************
स्कूल मेरी शान है स्कूल मेरी जान है।
पढ़ लो बेटी पढ़ लो बेटा, सर्व शिक्षा अभियान है।।
स्कूल अगर न होता तो, मैं शिक्षक न बन पाता,
पशु समान जीवन होता, मैं इंसान न बन पाता।,
जहाँ जाति धर्म का भेद नही, वो मानवता की खान है।।
स्कूल मेरी शान है………
नन्हे मुन्ने बच्चों में मन मेरा भाता है,
हूँ तो एक साधारण व्यक्ति, पर हर कोई गुरुजी बुलाता है।
मिला न ऐसा मान मुझको, मिलता अब सम्मान है।।
स्कूल मेरी शान है………
हिंदी करलव हो गयी, गणित हुआ है गिनतारा,
अंग्रेजी रेनबो कहलाती सामाजिक विषय परिवेश हमारा,
संस्कृत संस्कृत पीयूषम बन गयी, परख बना विज्ञान है।।
स्कूल मेरी शान है………
सरकार की नीति में बड़ा बदलाव आया है,
गरीब बच्चों की खातिर मध्यान्ह भोजन बनवाया है।
फल खाते दूध पीते, बच्चे बनते अब बलवान हैं।।
स्कूल मेरी शान है………
अभिभावक अब सभी शुल्कों से दूर हैं,
निःशुल्क किताबे निःशुल्क बस्ते जूते मौजे भरपूर हैं।
सर्दी में स्वेटर बंटता ,बंटते दो दो जोड़ी परिधान हैं।।
स्कूल मेरी शान है………
नाम मेरा राजेश है अर्जुन मैं कहलाता हूँ,
शिक्षा की गांडीव से मैं शब्दों के तीर चलाता हूँ।
शिक्षा ही मेरा धर्म है, शिक्षा ही ईमान है।।
स्कूल मेरी शान है………
स्कूल मेरी शान है स्कूल मेरी जान है।
पढ़ लो बेटी पढ़ लो बेटा, सर्व शिक्षा अभियान है।।
****************📚*****************
स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन