Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2024 · 1 min read

सोलह आने सच…

दिल की बात जुबां पे आई
अधरों पर मुस्कान खिलीं
कहे पपीहा कोयल से
आज चमन में कली खिलीं,
पानी वर्षा धूप खिली
मेंढक ने दी तान
वीर वीरता सदा करें
चाहे बूढ़े भांजे सांग,
चुगला चुगली बंद करें ना
दूजे के नुकसान
अपने दुख से दुखी नहीं हैं
नित उंगली करें हराम,
आलस्य कीन्हा चैत मास में
भादौ हो भंगार
तुमसे नीके कीट पतंगा
जो कर ले भंडार
श्याम सिंह लोधी राजपूत
“तेजपुरिया”

1 Like · 16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
मुझे पाने इश्क़ में कोई चाल तो चलो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
sushil sarna
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
हॉं और ना
हॉं और ना
Dr. Kishan tandon kranti
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
Ajit Kumar "Karn"
*** यादों का क्रंदन ***
*** यादों का क्रंदन ***
Dr Manju Saini
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Go Ahead and Touch the Sky
Go Ahead and Touch the Sky
VINOD CHAUHAN
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
#ऐसे_समझिए…
#ऐसे_समझिए…
*प्रणय प्रभात*
मेरे जीने की एक वजह
मेरे जीने की एक वजह
Dr fauzia Naseem shad
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन का आत्मबोध
जीवन का आत्मबोध
ओंकार मिश्र
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
कभी कभी एक पल
कभी कभी एक पल
Mamta Rani
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
शेखर सिंह
बोलती आँखें
बोलती आँखें
Awadhesh Singh
रंगों का महापर्व होली
रंगों का महापर्व होली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
Anis Shah
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
।। नीव ।।
।। नीव ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...