सोलह आने सच…
दिल की बात जुबां पे आई
अधरों पर मुस्कान खिलीं
कहे पपीहा कोयल से
आज चमन में कली खिलीं,
पानी वर्षा धूप खिली
मेंढक ने दी तान
वीर वीरता सदा करें
चाहे बूढ़े भांजे सांग,
चुगला चुगली बंद करें ना
दूजे के नुकसान
अपने दुख से दुखी नहीं हैं
नित उंगली करें हराम,
आलस्य कीन्हा चैत मास में
भादौ हो भंगार
तुमसे नीके कीट पतंगा
जो कर ले भंडार
श्याम सिंह लोधी राजपूत
“तेजपुरिया”