Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

“सैल्यूट”

“सैल्यूट”
हमारा सैल्यूट है
सरहद में डटे हुए जवानों को,
एटलस का भार उठाए मजदूरों को
माटी-पुत्र किसानों को.

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

6 Likes · 4 Comments · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
अवधी लोकगीत
अवधी लोकगीत
प्रीतम श्रावस्तवी
बेटी
बेटी
Vandna Thakur
वो
वो
Ajay Mishra
Sometimes
Sometimes
Vandana maurya
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
सत्यं शिवम सुंदरम!!
सत्यं शिवम सुंदरम!!
ओनिका सेतिया 'अनु '
93. ये खत मोहब्बत के
93. ये खत मोहब्बत के
Dr. Man Mohan Krishna
भारत शांति के लिए
भारत शांति के लिए
नेताम आर सी
छोड़ चली तू छोड़ चली
छोड़ चली तू छोड़ चली
gurudeenverma198
"अंकों की भाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
ईद आ गई है
ईद आ गई है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
लोग हमसे ख़फा खफ़ा रहे
लोग हमसे ख़फा खफ़ा रहे
Surinder blackpen
सच्ची होली
सच्ची होली
Mukesh Kumar Rishi Verma
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिल के सभी
दिल के सभी
Dr fauzia Naseem shad
रेल यात्रा संस्मरण
रेल यात्रा संस्मरण
Prakash Chandra
💐प्रेम कौतुक-496💐
💐प्रेम कौतुक-496💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#मैथिली_हाइकु
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
वृक्ष बन जाओगे
वृक्ष बन जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
योग न ऐसो कर्म हमारा
योग न ऐसो कर्म हमारा
Dr.Pratibha Prakash
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी
Mukesh Kumar Sonkar
क्यों हिंदू राष्ट्र
क्यों हिंदू राष्ट्र
Sanjay ' शून्य'
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
बिषय सदाचार
बिषय सदाचार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
Ravi Prakash
3104.*पूर्णिका*
3104.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होली, नौराते, गणगौर,
होली, नौराते, गणगौर,
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
ruby kumari
Loading...