सैनिक
सैनिक
०००००
किसी की आँख का ये झिलमिलाते नूर होते हैं ,
दमकते हैं किसी की माँग का सिंदूर होते हैं ,
हमारे ही लिये ये छोड़ आते माँ, बहिन, भाई ,
वतन के वास्ते सैनिक घरों से दूर होते हैं ।
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
🪷🪷🪷
सैनिक
०००००
किसी की आँख का ये झिलमिलाते नूर होते हैं ,
दमकते हैं किसी की माँग का सिंदूर होते हैं ,
हमारे ही लिये ये छोड़ आते माँ, बहिन, भाई ,
वतन के वास्ते सैनिक घरों से दूर होते हैं ।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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