Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2023 · 1 min read

सेना सर्व धर्म स्थल में

सेना सर्व धर्म स्थल में
————————–
न सिख हिन्दू,मुस्लिम क्रिश्चियन,
सब हैं एक दूजे दिल में।
पूरी सेना पूजा करती,
सेना सर्व धर्म स्थल में।

कोई धर्म न ऊंचा नीचा,
न कोई छोटा नहीं बड़ा।
सब मिल सबका पर्व मनाते,
पूरा दल एक साथ खड़ा।

सेना मस्जिद तिलक लगाती,
अजान मंदिर में होवा।
चर्च पुजारी वाहे गुरु बोले,
ग्रन्थी कहे यहोवा।

ईद की सिंवई शुक्ल बनाते,
कड़ा प्रसाद रहमान।
माता भोग बनावे डेविड,
सबका सम सम्मान।

राम प्रिय रहमान प्रिय त्यों,
गॉड प्रिय प्रिय वाहेगुरु।
सम आदर है सब पर एक सा,
मिलकर करते अंत शुरू।

नहीं खालसा,न कैथोलिक,
मोमिन न ही बूत का परस्त।
एक नूर को मिलकर माने,
ऊपर करके दोनों हस्त।

सेना कहती है सांझा ज्यों,
तारा रवि शशि हवा गगन।
नदी,अचल,वन धरनी सांझी,
सांझा दूध अनाज अगन।

एक हाड़ है एक मांस है,
एक लहू एक सांसा।
एक ही सृजन हार सभी का,
एक सी आश निराशा।

सेना पथ सा देश चले गर,
न रहे पिछड़ा अगड़ा।
सबका सबसे बने मोहब्बत,
मिटे समूल सब झगड़ा।

सतीश सृजन, लखनऊ.

167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
सुप्रभात
सुप्रभात
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सनम  ऐसे ना मुझको  बुलाया करो।
सनम ऐसे ना मुझको बुलाया करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
किताब का दर्द
किताब का दर्द
Dr. Man Mohan Krishna
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
ruby kumari
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
* गीत कोई *
* गीत कोई *
surenderpal vaidya
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
परछाइयों के शहर में
परछाइयों के शहर में
Surinder blackpen
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Sakshi Tripathi
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
Shivkumar Bilagrami
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
gurudeenverma198
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
"काँच"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"ॐ नमः शिवाय"
Radhakishan R. Mundhra
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ऐसे दर्शन सदा मिले
ऐसे दर्शन सदा मिले
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Chubhti hai bate es jamane ki
Chubhti hai bate es jamane ki
Sadhna Ojha
मशक-पाद की फटी बिवाई में गयन्द कब सोता है ?
मशक-पाद की फटी बिवाई में गयन्द कब सोता है ?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
जो घर जारै आपनो
जो घर जारै आपनो
Dr MusafiR BaithA
*फल- राजा कहलाता आम (बाल कविता/हिंदी गजल)*
*फल- राजा कहलाता आम (बाल कविता/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...