सूरज क्यों चमकता है?
कविता-डॉ.नितेश शाह
सूरज क्यों चमकता है?
आग-सा क्यों दहकता है?
चाँद क्यों दर-दर भटकता है?
बादल क्यों बरसता है?
क्यों बहती जलधारा है?
क्यों दरिया इतना खारा है?
क्यों नदियाँ का किनारा है?
क्यों तिनके का सहारा है?
क्यों धरती ने पुकारा है?
क्यों बहती अमृतधारा है?
सोचो ! और विचार करो,
सब प्रकृति की ही माया है।
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