सूरज आया संदेशा लाया
सूरज जगी, जगो यारों
कब तब सोओगे
जो है अदम्य, वो तो
लगा कबसे है बैठा
अपने कार्यों में व्यस्त
हम ही कुछ हैं जो
सोए बैठे है कब से
उठो जागो, उठो
देखो देखो कौन आया
तुम्हारे दरवाजे पे
ऊंची उड़ान की
लाया है संदेशा….
अब आप ही अभिज्ञ करे
कौन नापऐगा शिखर
अदम्य या आप ?
मार्तंड अपने आप में
देता अनूठा संदेश
एक दो न तीन चार
न कभी हारने का
न कभी जलने का….
उजालों को अंधेरा
कब तक छिपा पाता
फिर क्यों है डरता
उठ जाग चल
तू श्रम कर
वो भी लगातार कर
मुस्तंबत इसका
जरुर ही मिलेगी
यह मूलमंत्र है
किसी भी कामयाबी का
सूरज आया है
संदेशा लाया है
ऊंची उड़ान का
कभी न हारने का….
कवि:- अमरेश कुमार वर्मा