“सूत्र”
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“सूत्र”
कभी दुःख- दर्द बाँट सको जिनसे
कुछ ऐसे दोस्त खंगाल के रखना,
जीवन बसर हो सके इत्मीनान से
कोई ऐसा जज्बा उबाल के रखना।
“सूत्र”
कभी दुःख- दर्द बाँट सको जिनसे
कुछ ऐसे दोस्त खंगाल के रखना,
जीवन बसर हो सके इत्मीनान से
कोई ऐसा जज्बा उबाल के रखना।