“सूत्र”
“सूत्र”
जिन्दगी को अपनी यूँ सम्हाल के रखो,
जवां रहोगे गर कोई शौक पाल के रखो।
वक्त की सीढ़ियों पर चलती है उम्र तेज,
जिगर में कुछ जिन्दादिली ढाल के रखो।
“सूत्र”
जिन्दगी को अपनी यूँ सम्हाल के रखो,
जवां रहोगे गर कोई शौक पाल के रखो।
वक्त की सीढ़ियों पर चलती है उम्र तेज,
जिगर में कुछ जिन्दादिली ढाल के रखो।