Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2024 · 1 min read

राम को निज धाम मिल गया

वो वक्त था सन् पंद्रह सौ अट्ठाइस
जब बाबर के सेनापति मीर बाकी ने
रायकोट, अयोध्या में स्थित
प्रभु श्रीराम जन्मस्थान मंदिर तोड़ा
और उसी मंदिर के अवशेषों से
तीन गुम्बदों वाले इस्लामिक ढांचे का
निर्माण भी करा दिया था,
तब से यह मस्जिद जन्मस्थान कहा जाने लगा ,
जो आगे चलकर बाबरी मस्जिद और
फिर विवादित ढाँचा कहा जाने लगा।
तब से हमारे धर्मप्रेमी साधकों, संतों, महात्माओं
और हमारे पुरखों, अनेकानेक राम भक्तों ने
श्रीराम मंदिर को मुक्त कराने का ही नहीं
भव्य राम मंदिर के सपने को भी जीवंत रखा
जिसके लिए सतत् संघर्षपथ का वरण किया,
सामाजिक, धार्मिक, कानूनी पथ पर आगे बढ़ते रहे
रामभक्तों को संघर्षों से जागृति ही नहीं
उत्साहित, प्रेरितकर विश्वास भी दिलाते रहे।
पांच शताब्दियों तक लंबा संघर्षपथ तय किया
लंबी कंटीली, पथरीली यात्राएं की,
कानूनी लड़ाई लड़ी, लाठी, गोली खाई,
और जेल भी गये,
कुछ गुमनाम की भेंट चढ़ जाने कहाँ खो गए
कितनी यातनाएं सही, अपमानित, उपेक्षित हुए,
अपना और अपनों की आहुतियां देकर भी
श्रीराम के भव्य मंदिर के सपने को
कभी न धूमिल होने दिया,
और अंततः आज उनका ही नहीं, हम सबका भी
जब प्रभु श्रीराम के भव्य से भव्यता
मंदिर निर्माण का सपना पूरा हो गया,
प्रभु श्रीराम जी को अपना अब निज धाम मिल गया।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
DrLakshman Jha Parimal
वनिता
वनिता
Satish Srijan
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
पूर्वार्थ
बाकी सब कुछ चंगा बा
बाकी सब कुछ चंगा बा
Shekhar Chandra Mitra
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
एक एहसास
एक एहसास
Dr fauzia Naseem shad
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
चाँद तारे गवाह है मेरे
चाँद तारे गवाह है मेरे
shabina. Naaz
3186.*पूर्णिका*
3186.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
चश्म–ए–बद दूर
चश्म–ए–बद दूर
Awadhesh Singh
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
ग़ज़ल (तुमने जो मिलना छोड़ दिया...)
ग़ज़ल (तुमने जो मिलना छोड़ दिया...)
डॉक्टर रागिनी
कब रात बीत जाती है
कब रात बीत जाती है
Madhuyanka Raj
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
#आंखों_की_भाषा
#आंखों_की_भाषा
*प्रणय प्रभात*
यह तो अब तुम ही जानो
यह तो अब तुम ही जानो
gurudeenverma198
"तुर्रम खान"
Dr. Kishan tandon kranti
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
Kshma Urmila
कविता
कविता
Rambali Mishra
मित्रतापूर्ण कीजिए,
मित्रतापूर्ण कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ना समझ आया
ना समझ आया
Dinesh Kumar Gangwar
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...