“सूखे सावन” का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ “अंधों” से ही होता है।
“सूखे सावन” का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ “अंधों” से ही होता है।
(कहावत के मुताबिक)
👌प्रणय प्रभात👌
“सूखे सावन” का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ “अंधों” से ही होता है।
(कहावत के मुताबिक)
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