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29 Jan 2021 · 1 min read

सूखकर भी कमज़ोर पत्ता

इस छोटी सी जिंदगी में तो हम हमेशा से भाग्यवान रहें
तस्लीम ऐ मोहब्बत हमकों देने वाले आप बागवान रहें

तस्लीम ऐ मोहब्बत प्रेम की श्रद्धा

मरके जाना इस दुनियां में हमने भी एक दिन ये जाकर के
जान और जिस्म देने वाले हमकों आप हमारे भगवान रहें

ठंड में काँपते हुए भी अलाव हमारे लिए जलाते थे आप
क्या पता जमाने को आप हमारे लिए कितना परेशान रहें

हमारे हर दुःख में रात रात को जागकर वो हमकों घुमाना
बचपन नादानी में बीता हमारा और हम पे आप कुर्बान रहें

ख़ुदा ले लेना जो दाम तुझको चाहिये पर पापा लौटा देना
हमारी नन्ही जी इस जिंदगी पर जा फिर तेरे अहसान रहें

मेरा कहा बुरा लगे तो माफ कर देना मेरे साथियों तुम ज़रा
बुढ़े माँ बाप की करों सेवा तुम सब वो भी एक इंसान रहें

कुत्ता बिल्ली पालों पर यूं माँ बाप को वृद्धाश्रम मत डालो
मन में भरकर मेंलापन क्यों ये गंगा सफाई अभियान रहें

सूखकर भी कमज़ोर पत्ता रहता सदा पेड़ की वो शोभा ही
जिंदगी माँ बाप की नेमत सदा वो हमारे लिए मेहरबान रहें

अशोक सपड़ा की क़लम से दिल्ली से
9968237538

1 Comment · 204 Views
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