सुराख पर इल्जाम गलत लगाते हैं
सुराख पर इल्जाम गलत लगाते हैं
डूबने वाले तो शर्म से डूब जाते हैं |
उनसे कहां आता मोहब्बत का हुनर
जो मोहब्बत करने में , ऊब जाते हैं |
मडराते हैं हर फूलों पर भंवरे की तरह ,
वो अक्सर बेवफाई के गीत गुनगुनाते हैं |
शाम होते ही जिंदगी डुबोते खाक में ,
खुद शराब के गिलास में डूब जाते हैं
✍कवि दीपक सरल |