सुन पिय सबसे अच्छी यारी है
सुन पिय सबसे अच्छी यारी है
थोड़ी सी कभी लगी खारी है
इश्क रचाते जब साथ हमारे
ये जिन्दगी निछावर सारी है
तू -तू मैं -मैं जब होती अपनी
सीने पर तब चलती आरी है
दुरूह राहें हो गयी सुगम जब
जान सदा तेरे पर वारी है
मझधार में पड़ी जीवन नैया
कैसे न जिन्दगी ये हारी है