सुनसान सड़क…
सुनसान सड़क…
ये दिल वीरान सुनसान सड़क
जहाँ होती नहीं कोई भी धड़क
न किसी का आना न किसी का जाना
सूनी राहों पर बस अकेले ही चलते जाना
एक आभास जैसे कोई खड़ा उस छोर
क़दम अनायास ही बढ़ते जाते उस ओर
शायद कोई अपना मिल जाए उस डगर
आसान हो जाए ज़िंदगी का सफ़र
सुस्ता लूँ रख उसके काँधे पर सर
उसके प्यार का हो कुछ ऐसा असर
हौले हौले दिल लगने लगे धड़क
चहक महक उठे ये सुनसान सड़क
रेखांकन।रेखा